*सड़क निर्माण संघर्ष समिति द्वारा किए गए आंदोलन के दबाव पर निकाले गए 78 लाख के दो टेंडर*
*क्षेत्रवासी ग्रामीणों की लड़ाई सड़क निर्माण तक रहेगी जारी-: हिरेंद्र साहू*
*हमारे संघर्ष का असर अब चढ रहा है धीरे-धीरे परवान-:गितेश्वरी साहू*
*धमतरी* -: सड़क निर्माण संघर्ष समिति द्वारा बीते दिनों 100 दिन से अधिक तक धरना प्रदर्शन कोलयारी चौक में चक्का जाम जैसे किए गए आंदोलन के पश्चात विधानसभा तक निकलने वाली पदयात्रा में उमड़े सैकड़ों ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए अब शासन प्रशासन गंभीरता पूर्वक कोलियरी, खंरेगा, दोनर ,जोरातराई मार्ग के जर्जर हालत को सुधारने के लिए कार्य करता हुआ दिखने लगा है जिसके चलते लोक निर्माण विभाग धमतरी द्वारा अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत 20 लाख से कम के 2 टेंडर निकालकर आनन-फानन में रिपेयरिंग का काम चालू भी कर दिया है वही राजधानी स्तर पर राज्य स्तर के अधिकारी द्वारा दिए गए आर्थिक अधिकार के तहत उन्होंने भी 80लाख के नीचे 78 लाख के दो टेंडर निकालें गए हैं जिसकी जानकारी लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता तथा एसडीओ द्वारा संघर्ष समिति के संरक्षक दयाराम साहू को दिए जाने पर उन्होंने क्षेत्र के सभी ग्राम प्रमुखों को इसकी जानकारी दी है तथा कहा है कि इस राशि के टेंडर की औपचारिकता सहित अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद डामरीकरण कार्य बरसात के बाद ही होना संभव है । जिससे कहा जा रहा है कि कहीं ना कहीं खराब सड़क की दुर्दशा में कुछ तो सुधार होगा जिसकी आस लगाए क्षेत्र के ग्रामीण काफी दिनों से बैठे थे यही काम पहले कर दिया जाता है तो लोगों के आक्रोश का सामना शासन प्रशासन को नहीं करना पड़ता आंदोलन के संयोजक हिरेंद्र साहू ने कहा है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से लोकतांत्रिक पद्धति को अख्तियार कर शासन प्रशासन के समक्ष क्षेत्र की इस बहुप्रतीक्षित मांग को एक लंबे समय से रखते आ रहे हैं लेकिन जिस सड़कों की आवश्यकता नहीं थी उसे बनाया गया और हम खंरेगा सडक क्षेत्रवासियों को उपेक्षा का दंश झेल रहे थे और हमारी मांग रोड का चौड़ीकरण तथा नवनिर्माण ही है जिसके पूरा होते तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा वही ग्राम दर्री की सरपंच तथा आंदोलन की संयोजिका श्रीमती गीतेश्वरी निरंजन साहू ने बताया कि महिलाओं के द्वारा सड़क निर्माण के आंदोलन में जिस तरीके से उत्साह के साथ भाग लिया जा रहा है वह आगे भी उनकी सहभागिता से जारी रहेगा आंदोलन का ही परिणाम है कि अब धीरे-धीरे रास्ते को चलने लायक बनाने का कार्य परवान चढ रहा है।