*जिला पंचायत धमतरी की घटना से कांग्रेस का आदिवासी व पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का चाल चरित्र चेहरा उजागर हुआ* जागेश्वरी साहू जनपद सदस्य
*जब पंचायतो मे बराबर आबंटन होता है तो जिला पंचायत मे क्यो नही* राकेश साहू उपाध्यक्ष भाजपा आमदी मंडल
*जिला पंचायत धमतरी सामान्य सभा की बैठक में जिस तरह से केंद्र सरकार की 15 वित्त आयोग राशि आवंटन में कांग्रेसी अध्यक्ष , उपाध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा आदिवासी जिला पंचायत सदस्य खूब लाल ध्रुव, अनीता ध्रुव एवं पिछड़ा वर्ग जिला पंचायत सदस्य दमयंती साहू के निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारों का जिस तरह से हनन किया गया, कांग्रेस का आदिवासी व पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा उजागर हुआ।*
*जिला पंचायत धमतरी मे कांग्रेसी अध्यक्ष 35 लाख, उपाध्यक्ष 33 लाख ,सदस्यों को 32 लाख एवं बाकी तीनों सदस्य को 10-10 लाख रुपया पिछले 3 वर्ष से दिया जा रहा है, और चौथा साल भी कार्य योजना इस प्रकार से भी मंगाया गया था, सदन में हंगामा करने पर 10 लाख से भी वंचित करने की बात अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं बाकी कांग्रेसी सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिससे अपने क्षेत्र में सभी सदस्यों के बराबर कार्य नहीं करवा पाने के कारण हताहत होकर आदिवासी जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव ने अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया।*
*पंचायती राज व्यवस्था में केंद्र सरकार द्वारा 15वे वित्त राशि सभी पंचायत में सभी क्षेत्रों में बराबर आबंटन का रहता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सरकार रहते हुए, धमतरी जिला पंचायत में कांग्रेस के बहुमत होते हुए जिस तरह से बाकी तीन जिला पंचायत सदस्यों को उनके क्षेत्र के अधिकार से वंचित रखा है यह निंदनीय है, इससे ऐसा प्रतीत होता है कांग्रेस सिर्फ 5 साल के लिए सत्ता में आए हैं, आगे मौका नहीं मिलेगा, तो जितना लूटना है वह लूट लो।*
*वर्ष 2020 से 15 वे वित्त आयोग लागू हुआ है, जिसमें ग्राम पंचायत के साथ-साथ जिला एवं जनपद पंचायत को भी 15 वित्त आयोग की राशि आवंटन किया गया ।जब पंचायतों में जनसंख्या के आधार पर बराबर राशि सरकार के द्वारा आबंटन किया जाता है, तो जिला पंचायत सदस्यों को बराबर क्यों नहीं बांटा जा सकता। इस तरह से धमतरी जिला पंचायत के भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने पहले साल ही धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अपना विरोध जताया था,। लेकिन ना ही जिला पंचायत के अध्यक्ष ने, ना ही जिला प्रशासन ने, किसी ने भी आदिवासी क्षेत्र से और पिछड़ा वर्ग क्षेत्र से आने वाले सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए समान अधिकार दिलाने का प्रयास किया गया।*
*सूत्रों से पता चला है जब भी राशि का आवंटन होना रहता है दो तीन दिन पहले कांग्रेस के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कांग्रेसी सदस्य बैठक कर राशि तय किया जाता है, उसके बाद जिला पंचायत के उपसंचालक द्वारा भाजपा समर्थित सदस्यों को फोन करके बोला जाता है कि आपको 10 लाख रुपया का कार्य योजना जमा करना है। इस तरह से घटना के जिम्मेदार जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,कांग्रेसी सदस्य व जिला प्रशासन है। तरह कृत्य के लिए क्षेत्र की जनता कांग्रेस को आगे चुनाव मे सबक सिखाएगा।*