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आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक स्व. मोघे का अस्थि कलश राजिम के त्रिवेणी संगम में विसर्जित,शहर के वरिष्ठ स्वयंसेवकों ने उनकी स्मृति में सिर मुंडन करायामोघे ने सहज और साधारण शब्दों में स्वयंसेवकों का बौद्धिक मार्गदर्शन किया

आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक स्व. मोघे का अस्थि कलश राजिम के त्रिवेणी संगम में विसर्जित,
शहर के वरिष्ठ स्वयंसेवकों ने उनकी स्मृति में सिर मुंडन कराया
मोघे ने सहज और साधारण शब्दों में स्वयंसेवकों का बौद्धिक मार्गदर्शन किया
धमतरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व. पांडुरंग शंकरराव मोघे का अस्थि कलश का विसर्जन रविवार को राजिम के त्रिवेणी संगम में किया गया। इसके साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए संघ परिवार ने 29 मई को धमतरी में तेरहवीं का कार्यक्रम रखा है।
बता दें कि स्व. श्री मोघे ने 94 वर्ष की आयु में 16 मई की रात्रि 9:30 बजे रायपुर के वीवाय हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को 17 मई शुक्रवार को सुबह 8 बजे जागृति मंडल संघ कार्यालय रायपुर में दर्शनार्थ रखा गया था। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को धमतरी लाया गया। अंतिम दर्शन, श्रद्धांजलि सभा का आयोजन दोपहर 12 बजे नूतन स्कूल प्रांगण में रखा गया, जहां हजारों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। दोपहर 1 बजे के बाद रूद्री स्थित रूद्रेश्वर घाट में अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर पूरे छग से स्वयंसेवक व शुभचिंतक उपस्थित रहे।
चूंकि स्व. श्री मोघे को धमतरी से विशेष लगाव था इसलिए देह त्यागने के बाद अंतिम संस्कार के लिए धमतरी लाया गया। यह उनकी अंतिम इच्छा थी। स्व. श्री मोघे मूलतः महाराष्ट्र के थे। वे छग आने के बाद जीवन भर संघ के प्रचारक रहे। श्री मोघे को श्रद्धांजलि देने मुख्यमंत्री की ओर से उनके पीए तुलसी कौशिक व प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा भी पहुंचे थे। स्व. श्री मोघे संघ के ऐसे प्रचारक थे, जिन्होंने सहज और साधारण शब्दों में स्वयंसेवकों का बौद्धिक मार्गदर्शन किया। उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली था। उनके मार्गदर्शन में स्वयंसेवक राष्ट्र निर्माण में सहभागी बने।
अंतिम संस्कार के बाद दसवें दिन अस्थि कलश को सुबह 7 बजे नूतन स्कूल प्रांगण में पूजन किया गया। विभिन्न शाखाओं से आए स्वयंसेवकों ने अपने देश के लिए जीने और मरने वाले वरिष्ठ प्रचारक स्व. श्री मोघे को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इसके बाद अस्थियों को शिरोमणि राव घोरपड़े अपने गले में धारण कर राजिम संगम के लिए रवाना हुए। संगम तट पर 8 बजे सिर मुंडन कराया। पंडित ने विधि विधान से पिंडदान कराया। अस्थि पूजन के बाद संगम में अस्थि विसर्जित की गई। इस दौरान शहर के वरिष्ठ स्वयंसेवक शिरोमणि राव घोरपड़े, लक्ष्मण राव मगर, हरिवंश साहू, विजय ठाकुर, धनेश्वर निर्मलकर, जितेन्द्र चन्द्राकर ने सिर मुंडन कराया। राजिम कार्यक्रम में श्याम अग्रवाल जिला संघचालक, दीनबंधु सिन्हा, बंटी जेठवानी, कैलाश राव भोसले, नवीन जाचक, डुगेश आदि उपस्थित थे।
तेरहवीं कार्यक्रम 29 मई बुधवार को विंध्यवासिनी मंदिर के पीछे सामुदायिक भवन में रखा गया है। सुबह 9:30 बजे भैरव पूजा, 12 बजे श्रद्धांजलि सभा के बाद शांति भोज का कार्यक्रम होगा। यह जानकारी नगर प्रचार प्रमुख उमेश सिंह बशिस्ट ने दी है।

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