रेत हाइवा की रफ्तार का क़हर -अपनी जान से हाथ धोते धोते बचे जिला पंचायत उपाध्यक्ष निशु चंद्राकर
बीती रात जिला पंचायत उपाध्यक्ष निशु चंद्राकर एक अनियंत्रित रेत डंपर से बाल-बाल बचे.हादसे के बाद अक्रोशित निशु चंद्राकर ने चक्का जाम कर रेत माफिया पर कारवाई की मांग अधिकारियों के सामने रखी. जाम की वजह से 3 घंटे तक सड़क रुकी रही।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर क्षेत्र से दौरा कर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान सिहावा रोड में जालमपुर के पास उनकी कार को एक तेज रफ्तार हाइवा टक्कर मारते मारते रह गई। राहत की बात यह रही कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशू चंद्राकर इस हादसे में बाल-बाल बच गए । जिसके बाद उपाध्यक्ष ने नगरी-धमतरी रोड पर चक्काजाम कर दिया । रसड़क जाम होने की वजह से 100 से अधिक रेत से लदी हाइवा 3 घंटे तक यहाँ फँसी खड़ी रही। इसकी जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस, SDM, खनिज अधिकारी , RTO अधिकारी मौके पर पहुँच गये। खनिज अधिकारी के साथ निशु की जमकर बहस भी हुई। उन्होंने अधिकारियों पर रेत के अवैध उत्खनन में शामिल होने का आरोप भी लगाया।
दरअसल धमतरी अवैध रेत उत्खनन और अवैध रेत परिवहन दोनों का हब बन चुका है । एनजीटी के दशा निर्देशों के अनुसार 10 जून से लेकर अक्टूबर माह तक रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन इस प्रतिबंध को दरकिनार कर यहाँ का रेत माफिया दिन और रात चैन माउंटेन मशीनों और जेसीबी मशीनों के जरिए लगातार रेत की खुदाई में लगा हुआ है।
रेत खुदाई कर निश्चित डंपिंग यार्ड तक पहुंचाई जाती है,और यह दिखाया जाता है कि यह रेत पहले से जमा करके रखी हुई थी,जिसका अब केवल परिवहन किया जा रहा है। इनका यह डंपिंग यार्ड दरअसल अक्षय रेत भंडार में तब्दील हो चुका है,जहां से चाहे कितनी भी रेत उठा लीजिए लेकिन रेत की मात्रा हमेशा एक जैसी बनी रहती है। इसका कारण है कि जितनी रेत वहां से उठाई जाती है उससे दोगुनी रेत खोद कर खदानों से वापस यहां आ जाती है।
खैर इस मामले को लेकर कल आधी रात से लेकर तड़के 3:30 बजे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा अंत में प्रशासन ने किसी तरह निशु चंद्राकर को समझाबुझा कर इस मामले को ठंडा किया लेकिन इस पूरे मामले मैं जब कल हंगामा हुआ तब यह बात खुलकर सामने आई की रेत माफिया को पूरी तरह से खनिज अधिकारी व जिला प्रशासन का पूरा सहयोग और आशीर्वाद मिल रहा है । जिसकी वजह से वह बेखटके यह काम कर रहे हैं।
अब बात डंपरों की करें तो ज्यादा से ज्यादा ट्रिप करने के चक्कर में रात्रि में डंपर चालक तूफानी गति से अपना वाहन चलाते हैं। जिससे आए दिन कोई ना कोई हादसा होता रहता है । इस बार यह हादसा जिला पंचायत उपाध्यक्ष निशु चंद्राकर के साथ हुआ हालांकि एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बच गई और वह बाल बाल अपनी जान से हाथ धोते-धोते बचे तब यह मामला सामने आया है कल जिस तरह से निशु चंद्राकर ने खनिज अधिकारी पर आरोप लगाया कि एक तो वह उनका फोन नहीं उठाते और दूसरा उनके निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है ।इससे यह समझ में आता है कि जनता के द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों को प्रशासन के अधिकारी और खासकर खनिज अधिकारी अपने पैर की जूती से ज्यादा कुछ नहीं समझते । खैर अब देखते हैं कि यह मामला आगे क्या रुख अख्तियार करता है।