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रामधूनी में राम नाम के गुणगान से गांव भक्तिमय हों जाता हैं - ओंकार साहू

रामधूनी में राम नाम के गुणगान से गांव भक्तिमय हों जाता हैं - ओंकार साहू


 ग्राम कुर्रा में समस्त ग्राम वासियों एवं श्री राम कला मानस मंडली के तत्वावधान में श्री सावन झूला वार्षिक उत्सव अखंड मानस पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में धमतरी विधायक श्री ओंकार साहू जी मुख्य अतिथि रूप में पहुंच कर । समस्त ग्राम वासियों से मुलाकात किया । और भगवान रामचंद्र जी की छायाचित्र का पूजा अर्चना कर रामधूनी में राम नाम का श्रवण किये अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आपके ग्राम कुर्रा में यह रामधुनी कार्यक्रम विगत 48 वर्षों से हो रहा है यह सौभाग्य की बात है रामधूनी केवल एक धार्मिक कार्यक्रम ही नहीं है बल्कि यह मनुष्य के जीवन को सीख देने वाला है । रामधूनी में जहां भागवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है वहीं माता सीता को पवित्रता दर्शाया गया है ‌। रामायण में लक्षण और भरत दोनों का अपने भाई के प्रति अथाह प्रेम दिखाया गया है। रामधूनी के हर एक चरित्र में कुछ न कुछ शिक्षा अवश्य प्राप्त होती है। यदि व्यक्ति रामधूनी को देखने के साथ साथ उससे मिलने वाली सिख का अपने जीवन में अनुसरण करें तो वह एक सफल जीवन व्यतीत कर सकता है । रामधूनी में कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण बातें बताया जाता है जिसमें जीवन का सार छिपा होता है। श्री ओंकार साहू ने कहा कि रामायण हमें धैर्य और गंभीर बनने कि सीख देता है जिस प्रकार रामायण में भगवान राम , माता सीता और लक्ष्मण तीनों ने चौदह वर्ष तक विपरीत परिस्थितियों में भी संयम के साथ समय व्यतीत किया । रामायण के इस बात से हमें सीख मिलती है कि व्यक्ति को हर परिस्थिति में संयम बरतना चाहिए। जो व्यक्ति सुख और दुख में संयम और धैर्य बनाए रखता है वह विषम परिस्थितियों से लड़कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। साथ ही साथ धमतरी विधायक कहते हैं कि रामायण हमें परिवार एवं अपने परिवेश में एकता बनाए रखने कि सीख देता है जिस समय भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास में थे तब उनके भाई लक्ष्मण ने सभी सुखों को त्याग करके उनके साथ वन को चले गए । और अपने भ्राता और भाभी का माता-पिता के समान सेवा करते रहे तो वहीं भरत ने भगवान राम के खड़ाउ को सिंहासन में रखकर उनको शासक मानते हुए राज काज संभाला । इससे सीख मिलती है कि परिवार में सदैव एकता रखनी चाहिए। जब वनवास के समय रावण ने माता सीता का हरण किया तो राम जी ने उस समय अपना आत्मविश्वास नहीं डगमगाने दिया उन्होंने सभी को एकत्र कर समुद्र में सेतु का निर्माण किया और रावण का वध करके माता सीता को वापस लाए श्री ओंकार साहू कहते हैं कि योजना बनाकर एकता के साथ कार्य किया जाये तो कठिन से कठिन कार्य भी पूरा किया जा सकता है और लक्ष्य कि प्राप्ति कि जा सकती है। अपने उद्बोधन के अन्त धमतरी विधायक ने कहा कि हम जय श्री राम तो बोलते है पर हमें जय सिया राम का भी उच्चारण करना चाहिए ताकि श्री राम के साथ- साथ माता सीता के नाम का भी उच्चारण हो और उनके जरिए हमारे माताओं का सम्मान बड़े। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से धमतरी विधायक ओंकार साहू, सेवादल जिला अध्यक्ष होरी लाल साहू, गोपालन पटेल सरपंच ग्राम पंचायत रावा, जीवराज साहू उपसरपंच रावा, घासीराम साहू उपसरपंच, तुकाराम पटेल अध्यक्ष ग्राम विकास समिति कुर्रा , जागृत साहू उद्योगपति , रंजीत साहू सेक्टर अध्यक्ष, ईश्वर साहू सेक्टर अध्यक्ष, चिंताराम साहू,राधेश्याम यादव, मुकेश यादव, तामसिंग ध्रुव, चुम्मन साहू, टेकराम साहू, नरेश देवांगन, भारत निषाद, पारसमनी साहू, चितेंद्र साहू , उमेश साहू,गोपीचंद ध्रुव, नारायण ध्रुव दुर्गाप्रसाद साहू साथ में बड़ी संख्या में ग्राम वासियो एवं मातृ शक्तियों की उपस्थिति रही |

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