प्रकृति की सेवा जरूरी है देवी भूमिका कथा वाचिका
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोतली राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर ग्रामदारी धमतरी में बौद्धिक परिचर्चा में देवी भूमिका जी ने स्वयंसेवक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति की सेवा ही सर्वोत्तम सेवा है
आज हमें पानी ऊर्जा हवा रोशनी जो प्रकृति से मिलती है उसका हमें किसी भी तरह का फीस देना नहीं पड़ता है तो हम प्रकृति के कर्जदार बनते जा रहे हैं इस प्रकृति के ऋण से उऋण हम कैसे हो सकते हैं प्रत्येक रात सोते समय हम यह निश्चय करें की जो भी हमने प्रकृति से आज लिया जैसे की हवा पानी ऊर्जा सूर्य की रोशनी इन सब का कर्ज प्रातः सुबह होते ही चुका दे और सुबह उठते ही स्नान करके सूर्य देव को नमस्कार कर तुलसी पर जल चढ़ाएं या हमारे द्वारा जितने भी वृक्षों का रोपण किया गया है उसे पर जल दिया जाए जिससे वह हमें ताजी-ताजी हवाएं दे, सूर्य रोशनी के साथ हमें नई ऊर्जा प्रत्येक दिन प्रदान करें इस प्रकार हम प्रकृति के ऋण से उऋण हो सकते हैं हमारा पहला कर्तव्य प्रकृति की सेवा एवं संरक्षण है क्योंकि प्रकृति संरक्षित रहेगी तो हमारा जीवन भी सुरक्षित स्वस्थ और सुरक्षित रहेगा|
इस प्रकार राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रेरणा पुरुष स्वामी विवेकानंद जी की पांच सीखने वाले महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सदैव दयावान बनना चाहिए और सब की सेवा करनी चाहिए दूसरा अपने लक्ष्य पर सदैव फोकस्ड रहना चाहिए तीसरा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए चौथा गुरु का सम्मान करना चाहिए पांचवा इंटेलिजेंट बने और सदैव आनंदित रहे|
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर गणेश प्रसाद साहू डॉक्टर मंजूषा साहू ने किया
कार्यक्रम में विशेष वक्ता के रूप में एल आर मगर सह संचालक धमतरी, गजानंद साहू बाल संरक्षण अधिकारी, ग्राम के सरपंच उपसरपंच, पंच दयाराम साहू प्रदेश महामंत्री, प्रवीण साहू मितेश साहू ग्राम के प्रबुद्ध एवं वरिष्ठ जन शामिल हुए