*स्वहित या जनहित महत्वपूर्ण क्या*
बनियापारा वार्ड में स्थित सामुदायिक भवन का निर्माण करवाने में पूर्व पार्षद ममता शर्मा ने अथक प्रयास और कड़े संघर्ष के बाद अपने वार्ड के मध्यम गरीब वर्ग के लोगों के लिए सफलता प्राप्त की थी परंतु जैसे ही सत्ता का परिवर्तन हुआ वर्तमान सत्ता में काबिज लोग वार्ड के गरीब मजदूर और मध्यम लोगो के लिए बनाए गए सामुदायिक भवन को अपने लाभ के लिए किराए से देना चाहते हैं, ये बीजेपी के लोग जिनका कथन है सबका साथ सबका विश्वास ये कैसे जनमानस के विश्वास के साथ खेलते हैं कैसे ये आम जनता से विश्वासघात करके उनके हक को छीनते हैं यह इस गलत इरादे से प्रत्यक्ष हो जाता है, सामुदायिक भवन को किराए में दिए जाने की बात को जानकर वार्डवासी बेहद आक्रोशित हैं और वे चाहते हैं वार्डवासियों के हित के लिए बनाए गए सामुदायिक भवन का उपयोग सिर्फ वार्डवासियों के लिए हो नाकी अपने स्वार्थ के हित को साधने के लिए हो, पूर्व में भी पूर्व पार्षद ममता शर्मा को इसके लिए बेहद संघर्ष करना पड़ा प्रशासन के विरोध के बावजूद उन्होंने यह कार्य अपने वार्डवासियों के हित के लिए करवाया उन्होंने नहीं सोचा की उनका पद रहेगा या नहीं रहेगा अपने पद को दांव में लगाकर उन्होंने वार्ड के विकास और वार्डवासियों के हित को प्राथमिकता दिया तब जाकर यह भवन निर्मित हो पाया था, आज उत्पन्न हुई इस नई स्थिति परिस्थिति में पूर्व पार्षद ममता शर्मा अपने वार्डवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं और वार्डवासियों के हित के लिए हर संघर्ष करेंगी वार्डवासियों ने आज ममता शर्मा से मिलकर अपनी बात रखी और वे सभी इस गैरजिम्मेदाराना नैतिकता के विरुद्ध किए जा रहे कार्य का विरोध करने का निर्णय लिया है इस संघर्ष में ममता शर्मा एवं ब्लॉक कांग्रेस शहर अध्यक्ष योगेश शर्मा अपने वार्डवासियों के साथ हैं.