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दो महीने में दुग्ध संकलन 10 हजार लीटर प्रतिदिन पहुंचा, 15 हजार लीटर करने का लक्ष्य*


*श्वेत क्रांति में तेजी से भागीदार बनता धमतरी* 
*दो महीने में दुग्ध संकलन 10 हजार लीटर प्रतिदिन पहुंचा, 15 हजार लीटर करने का लक्ष्य*

*दुग्ध उत्पादकों और संग्राहकों को सुविधाएं मिलने से व्यवसाय के प्रति बढ़ा रूझान*

*माइक्रो एटीएम जैसी सुविधाओं ने पेमेंट की समस्या सुलझाई, तेज़ी से बढ़ी दुग्ध समितियां*
धमतरी 13 जून 2025/ धमतरी जिला बड़ी तेजी से श्वेत क्रांति में भागीदार बनता जा रहा है। पिछले दो महीने में ही दुग्ध उत्पादन-संग्रहण में बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा के दुग्ध व्यवसाय को बढ़ाने, गौपालन को रोजगार का अतिरिक्त जरिए बनाने के प्रयासों से यह संभव हो सका है। दो महीने पहले जिले में प्रतिदिन केवल 6 हजार 410 लीटर दूध का संकलन किया जा रहा था, जो अब बढ़कर 10 हजार लीटर से अधिक हो गया है। जिले में दुग्ध व्यवसाय से ग्रामीणों को हर दिन फायदा पहुंचाने के लिए कई सुविधाएं भी दी जा रहीं हैं, जिससे उनका रूझान इस पुराने व्यवसाय की तरफ बढ़ता जा रहा है। 
 कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने धमतरी जिले में दुग्ध व्यवसाय की बड़ी संभावनाओं को ध्यान में रखकर इसके लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर काम शुरू किया है। जिले में अधिक से अधिक पशुपालकों को दुग्ध उत्पादक-संग्राहक समितियों से जोड़ा जा रहा है। जिले में मिल्क रूट की पहचान कर लोगों को दुग्ध उत्पादन- संग्रहण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। दो महीने पहले जिले में केवल 47 दुग्ध समितियां सक्रिय थीं, लेकिन जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग के मैदानी अमले के प्रयासों से अब जिले में 68 दुग्ध सहकारी समितियां कार्यरत है। इनके माध्यम से लगभग तीस हज़ार दुग्ध उत्पादक-संग्राहक जुड़े है। पिछले दो महीने में ही लगभग 20 नई समितियों का गठन किया गया है। इसी के साथ लंबे समय से अक्रियाशील समितियों को सक्रिय किया गया है। तेजी से समितियों के गठन और अक्रियाशील समितियों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाकर सक्रिय बनाने से अब दैनिक दुग्ध संग्रहण भी बढ़कर दस हज़ार लीटर से अधिक तक पहुँच गया है। जिला प्रशासन ने इसे लगभग पंद्रह हज़ार लीटर प्रतिदिन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। 
             दुग्ध समितियों को समय पर भुगतान नहीं हो पाने की समस्या से निपटने के लिए अब समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा दी जाने लगी है। इससे दुग्ध उत्पादकों-संग्राहकों को अब उनके बैंक खातों में सीधे राशि मिलने लगी है और दुग्ध व्यवसाय के प्रति पशुपालकों का रुझान बढ़ा है। इसी के साथ नेशनल डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से जिले में दुग्ध समितियों को सशक्त करने का काम किया जा रहा है। सहकारी समितियों में एक दाम पर दुग्ध संग्रहण, चिलिंग प्लांट तक समय पर पहुंचाने से लेकर दुग्ध प्रोसेसिंग के लिए प्लांट तक पहुंचाने की मजबूत व्यवस्था भी की गई है। जिले में अभी सेमरा बी, भाठागाँव और मुजगहन में तीन दुग्ध चिलिंग प्लांट है इसके अतिरिक्त कुरूद क्षेत्र में चौथा प्लांट शुरू करने की तैयारी है, इसकी मंजूरी राज्य शासन में मिल गई है। जिले की गातापार ग्राम पंचायत में नव निर्मित दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट को भी जल्द शुरू करने की कोशिशें की जा रही है। 
          ग्रामीण क्षेत्रों में मिल्क रूट की पहचान कर पशुपालकों को भी कई सुविधाएं प्रशासन दे रहा है। पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए जा रहे हैं। अब तक लगभग डेढ़ हजार प्रकरण तैयार कर पशुपालकों को आकस्मिक व्यय के लिए बैंकों से सहायता दिलाई गई है। इसके साथ ही 44 संस्थाओं में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है, जिससे पशुओं की नस्लों में सुधार हुआ है और दूध उत्पादन भी बढ़ा है। जिले में मगरलोड और नगरी क्षेत्रों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने के लिए तेजी से नई समितियों का गठन करने का काम किया जा रहा है। नई समितियां गठित होने से धमतरी और कुरूद ही नहीं, बल्कि दूरस्थ मगरलोड और नगरी क्षेत्र के पशुपालक भी इस व्यवसाय से जुड़ेंगे ओर उन्हें अतिरिक्त लाभ होगा। 
            पशुपालन के लिए ग्रामीणों को विशेष तकनीकी मार्गदर्शन भी विभागीय विशेषज्ञों द्वारा दिया जा रहा है। पशु चिकित्सकों द्वारा कृमिनाशक दवापान, जूं-किलनी नाशक दवा छिड़काव आदि के साथ-साथ बीमा पशुओं का उपचार भी किया जा रहा है। पशु पालन में कम लागत तकनीक द्वारा पशुओं को पोषण उपलब्ध कराने और पैरा का यूरिया उपचार, चूना का उपयोग, घर के खाद्यान्नों और दूसरे उत्पादों से दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक दाना बनाने के तरीके, पशुओं से स्वच्छ दूध उत्पादन और जीवन में दूध के महत्व को भी लोगों को समझाया जा रहा है। जिले में दूध उत्पादन ना केवल पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का साधन बन रहा है, बल्कि ग्रामीण परिवारों में पोषण स्तर के सुधार तथा सामाजिक-आर्थिक उन्नयन में भी सहायक साबित हो रहा है। जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग और दुग्ध समितियों का यह समन्वित प्रयास धमतरी जिले को इस क्षेत्र में अग्रणी रूप में स्थापित करेगा।

*धमतरी में दुग्ध उत्पादन की असीमित संभावनाएं, प्रशासन हरसंभव मदद करेगा-कलेक्टर श्री मिश्रा*

          कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने सभी दुग्ध उत्पादक पशुपालकों और संग्राहकों के प्रयास से जिले में दूध का उत्पादन बढ़ने पर बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि सभी को धमतरी जिले को श्वेत क्रांति का भागीदार बनाना है। धमतरी जिले में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन की असीमित संभावनाएं है। इससे पशुपालकों और अन्य ग्रामीणों को कम लागत में रोजगार का अतिरिक्त साधन मिल सकता है। सभी पशुपालकों को इस अभियान से जुड़ना चाहिए और दुग्ध व्यवसाय को संगठित रूप से संचालित कर फायदा कमाना चाहिए।

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