*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी , शिक्षा सचिव और संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को धन्यवाद ज्ञापन*
छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ के द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी छत्तीसगढ़ शासन ,शिक्षा सचिव एवं संचालक ,लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को धन्यवाद ज्ञापित किया गया है कि विगत 3 वर्षों से आर.टी.ई . पोर्टल में जो विसंगति थी , उसको दूर करने के लिए जिला स्तर पर सभी निजी विद्यालय संगठन प्रयास कर रहे थे , तब छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध राठी द्वारा मुख्यमंत्री महोदय,शिक्षा सचिव और संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के सम्मुख सभी समस्याओं को न केवल बिंदुवार लिखित रूप में प्रस्तुत किया अपितु बैठक कर विस्तार से उसके संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय में चर्चा की गई।
विगत 3 वर्ष पहले सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा बनाई गई आर.टी.ई. पोर्टल में कूट रचना कर वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश देने की संभावित सीट संख्या को समाप्त कर दर्ज संख्या के आधार पर प्रवेश देने की अलग ही पद्धति अपनाई गई।ऐसा तथाकथित हाई प्रोफाइल स्कूल मैनेजमेंट के दबाव में किया गया था क्योंकि ऐसे स्कूल के संचालक आरटीई के अंतर्गत वंचित वर्ग के बच्चों को अपने विद्यालय में प्रवेश देना ही नहीं चाहते हैं। जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 में यह स्पष्ट उल्लेख है की विद्यालय की शुरुआती कक्षा में जहां आर.टी.ई. के अंतर्गत प्रवेश किया जाएगा, उसकी कुल संभावित सीट संख्या के आधार पर न्यूनतम 25% वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश देना ही होगा और अगर शुरुआती कक्षा में जितना प्रवेश हुआ है उससे अधिक अगली कक्षा में प्रवेश हुआ होगा तो उसके भी अंतर का 25% संख्या में वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश देना होगा।
जो आदेश लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर द्वारा 30 मई को जारी हुआ है उसमें इन बातों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
अब सभी अशासकीय विद्यालय को अपनी कुल सीट संख्या का न्यूनतम 25% सीट पर वंचित वर्ग के बच्चों को अपने विद्यालय में प्रवेश देना ही होगा।
छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ के अध्यक्ष सुबोध राठी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा सचिव महोदय के साथ बैठक में पोर्टल में फीस एंट्री संबंधी विसंगति को लेकर भी चर्चा हुई जिसके परिपेक्ष्य में निर्णय लिया गया कि फीस नियामक आयोग के तहत अनुमोदित निर्धारित शुल्क को सभी विद्यालय संचालक जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से पोर्टल में अपलोड करवायेंगे और उनके शुल्क का विस्तृत विवरण डी ई ओ लॉगिन से ही दर्ज किया जाएगा।इससे कतिपय विद्यालयों द्वारा निर्धारित से अधिक फीस लिए जाने संबंधी शिकायत भी समाप्त हो जाएगी।
RTE संबंधी अन्य बाकी सुधार के लिए भी मांग की गई है । पोर्टल में सुधार उपरांत ड्रॉप आउट की स्थिति में अत्यंत कमी आएगी।
संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में 99% अशासकीय विद्यालय बजट स्कूल है जो शासन द्वारा समय-समय पर प्राप्त दिशा निर्देश का पालन करते हैं परंतु केवल एक प्रतिशत तथाकथित ब्रांडेड स्कूलों के द्वारा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू नही करने से इसका दुष्प्रभाव 99% बजट स्कूल संचालकों के ऊपर पड़ता है और समाज ऐसे 1 प्रतिशत स्कूल संचालकों के हरकतों से सभी विद्यालय के संचालकों को शिक्षा माफिया जैसे शब्दों से उलाहना देते हैं , इससे शासन और पालकों का दृष्टिकोण अशासकीय विद्यालयों के प्रति नकारात्मक भाव लिए हुए होता है।
इस नए आदेश से अब शासन की इस जनकल्याणकारी योजना को धरातल पर लागू करने में पूर्णता प्राप्त होगी। अब अधिक से अधिक बच्चों को आरटीई अधिनियम 2009 के अंतर्गत अशासकीय विद्यालय में प्रवेश प्राप्त करना संभव हो जाएगा। शासन की मंशा भी यही है कि वंचित वर्ग के बच्चों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो।
हम अपने मांगों को सही मंच में रखने में सफल हो रहे हैं। यही कारण है कि "अलाभ समूह" और "दुर्बल वर्ग" के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के लोकहित के सभी मांग पूरे होंगे।समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक क्वालिटी शिक्षा का लाभ पहुंचाना ही हमारे संघ का प्रथम और अंतिम उद्देश्य है।