*आदित्य विद्या मन्दिर, रावाँ में भक्ति एवं उत्साह के साथ मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी*
आदित्य विद्या मन्दिर, रावाँ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़े हर्षोल्लास और आध्यात्मिक माहौल में मनाया गया। विद्यालय परिसर को रंग-बिरंगी सजावट, झांकियों, फूलों से सजाया गया था। बच्चों एवं शिक्षकों ने पूरे उत्साह के साथ भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य दिवस को उत्सव के रूप में मनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण एवं भक्ति गीतों के साथ हुआ। इसके पश्चात नन्हे-मुन्ने बालकों ने कृष्ण एवं राधा की वेशभूषा धारण कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत रास-लीला नृत्य ने उपस्थित सभी दर्शकों को आनंद और भक्ति से भर दिया।
विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने श्रीकृष्ण चरित्र, गीता उपदेश तथा माखन-चोरी प्रसंग पर आधारित नाट्य प्रस्तुति एवं नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसमें श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े शिक्षाप्रद संदेशों को जीवंत किया गया।, श्री कृष्ण के जीवन चरित्र एवं भगवदगीता पर आधारित प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जिसमें माधव ग्रुप -प्रथम, बांके बिहारी ग्रुप -द्वितीय, केशव ग्रुप- त्रितीय तथा, द्वारिकाधीश ग्रुप- चतुर्थ स्थान पर रहे । मटकी फोड़ प्रतियोगिता मे बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, राजाराम रायपुरिया, विशिष्ट अतिथि श्री गोपालन पटेल, अध्यक्ष श्री पंचराम पटेल, श्री मंगतु राम पटेल, श्री अशोक साहू एवं ग्रामीण व पालकगन मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन मे कहा कि भगवान् कृष्ण जगतगुरु के रूप मे हम सभी को ज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान किया है,।विशिष्ट अतिथि श्री गोपालन पटेल जी ने आयोजन के लिए बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि भगवान् कृष्ण ने कर्मयोग के द्वारा जीवन के उत्थान का मार्ग हम सब को दिया है जिससे हम अपनी प्रत्येक समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए ऐसे आयोजन किया जाना आवश्यक है
विद्यालय के संचालक गजेंद्र पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि –
"भगवान श्रीकृष्ण का जीवन केवल भक्ति का नहीं, बल्कि कर्मयोग और कर्तव्यपरायणता का भी आदर्श है। गीता का संदेश हमें सिखाता है कि जीवन में सदैव सत्य, धर्म और कर्तव्य का पालन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।" विद्यालय मे ऐसे आयोजन का उद्देश्य है कि हम अपने धर्म व संस्कृति को जान सके।
उन्होंने विद्यार्थियों को श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से सरलता, स्नेह और भाईचारे की शिक्षा लेने तथा गीता के उपदेशों से जीवन में दृढ़ता, ईमानदारी और अनुशासन को अपनाने की प्रेरणा दी। आयोजन में खेल भी कराये गए।
कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। समापन पर प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें सभी बच्चों एवं शिक्षकों ने भागीदारी की।इस अवसर पर प्रधान पाठक द्रोण चंद्राकर, अकादमिक प्रमुख,
रवि शंकर सेन, श्री मति विजयलक्ष्मी साहू, श्री मति आद्रीका साहू, शिक्षक गण- टोमेश्वरी साहू, देहुती पटेल, देव निषाद, पुणेश्वर साहू, दिक्षा साहू, नेहा पटेल, टेमन सिन्हा, चित्ररेखा साहू, प्रीति सिन्हा, नेहा पटेल, उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका वेदश्री एवं चंचल सिन्हा ने किया।
पूरे आयोजन ने विद्यालय परिवार में एकता, श्रद्धा और उल्लास का वातावरण बना दिया और बच्चों के लिए यह दिन ज्ञान, आनंद और भक्ति से परिपूर्ण बन गया।