*समिति गायब, तारीख गायब – तीन कोटेशन, जीरो नियम – डाही केंद्र में नेता जी का ‘साइलेंट ऑपरेशन’?"*
*क्या पंजीयक कार्यालय के अधिकारी ने कर दिया नियम को बायपास*
डाही केंद्र में सप्लाई की पड़ताल करने पहुंचे तो दो तस्वीरें साफ़ नज़र आईं –
एक तरफ वो व्यापारी, जो सालों से निविदा प्रक्रिया का पालन कर समिति के लिए सामान सप्लाई करते रहे,
दूसरी तरफ अचानक उभरे ‘नए खिलाड़ी’, जिनके पीछे कथित तौर पर नेता जी का प्रभाव बताया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, वर्षों से काम कर रहे व्यापारियों के कोटेशन को इस बार सीधा दरकिनार कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि नेता जी के कहने पर तीन नए कोटेशन मंगाए गए, खोले भी गए,
लेकिन मज़ेदार बात यह कि –
न कोटेशन में समिति का नाम,
न दिनांक,
और न ही किसी निविदा प्रक्रिया रजिस्टर में इन्हें दर्ज करने की औपचारिकता।
यानी काग़ज़ कम, दबाव ज़्यादा,
नियम कम, प्रभाव ज़्यादा।
स्थानीय व्यापारियों में सवाल उठ रहा है –
अगर निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ,
तो ये सप्लाई आदेश प्रक्रिया थी… या प्रभावशाली आदेश प्रक्रिया?
व्यापारियों का आरोप है कि यह पूरा खेल पारदर्शिता से कोसों दूर है,
और सवाल वही खड़ा –
ये सिस्टम है… या किसी एक का सिस्टम चल रहा है?
फिलहाल प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है,
और व्यापारी दस्तावेजों व नियमों की मांग कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि
नियम जीतेगा या ‘नेता जी का सिस्टम’?
उसी के तहत आज वायपारी ग्राम प्राथमिक सहकारी समिति डाही,बोडरा, भोथली, में अपने निविदा प्रक्रिया की जानकारी लेने पहुंचे जहाँ उन्हें पता पढ़ा की किसी अन्य वायपारी का तीन कोटेशन खोल माल मंगवा दिया गया है लेकिन जिन व्यापारियों ने कोटेशन दिया था अभी तक उनका कोटेशन सील बंद पड़ा हुआ है अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं ऐसे में व्यापारियों का कहना है पहली बार ऐसा हुआ है कि बिना पारदर्शित के कोटेशन मंगवा लिया गया है भोथली में अध्यक्ष जनों ने जवाब देने से कतराते रहे वही डाही में खुले आम भ्रष्टाचार की बू नजर आई अब देखना यह है की क्या इन नेताओं का सिस्टम भारी है की शांसन प्रशासन इनके ऊपर कार्यवाही कर इनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करेगा वही शिवा ट्रेडर्स तुषार ट्रेडर्स और भवानी ट्रेडर्स संचालक का कहना है की हमारा टेंडर खोला क्यो नहीं गया है हर साल टेंडर पधती में हम भाग लेते हैं आज हमारा टेंडर नहीं खोला गया जिनका खुला है