भाजपा आपातकाल का रोना रो रही वर्तमान अघोषित आपातकाल छुपाने के लिए गौतम वाधवानी
भाजपा द्वारा आपातकाल का पच्चासवी वर्ष गांठ को याद करना अपने ग्यारह साल के अघोषित आपातकाल शासन पर पर्दा डालना है भारत देश में भाजपा की सरकार बनते ही आपात काल जैसी स्थिति निर्मित हो गई ग्यारह साल की इस सरकार में देश की बेरोजगारी दर बढ़ गई युवाओं का रोजगार छिना जा रहा अड़ानी अंबानी जैसे उद्योगपतियों को रेल बंदरगाह एयरपोर्ट जैसे तमाम देश की संपतियों को बेचा जा रहा सिलेंडर पेट्रोल तेल जैसी चीज़ों को महंगाई से आम आदमी तरस्त हे किसान बिल के तीन काले कानून किसानो की आये दुगनी जैसे जुमले अपने विपक्षी नेताओ के ऊपर ईडी सीबीआई का दुरपयोग करना जो भी सरकार से सवाल करेगा उसके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा लोकतंत्र की हत्या कोरोना काल में लाखो लोगो को मौत के मुंह में छोड़ देना आज भी उसका साइड इन्फेक्ट से लोगो की मृत्यु हो रही हे बिना सोचे समझे नोट बंद कर छोटे व्यापारियों को कंगाली की राह में खड़े कर देना जीएसटी से व्यापारियों की कमर तोड़ना हिटलर शाही अंदाज़ से निर्णय ने देश को गरीबी और आर्थिक रूप से कमजोर किया आज दो लाख करोड़ से ज़्यादा देश के ऊपर कर्ज में लादना ये सब पिछले ग्यारह वर्ष के आपातकाल की ही देंन हे भ्रष्टाचार का मुँहबाला हे इलेक्ट्रनबोंड के माध्यम से हो या माल्या मोदी जैसे लोगो को देश से करोड़ों की सम्पत्ति लेकर भागना हो यह सब इस आपातकालीन सरकार में हुए हे ओर भाजपा इन ग्यारह साल के आपातकाल छोड़ लोगो इतिहास बता रही इन्हें अपने ग्यारह साल की आपातकालीन हिटलरशाही सरकार पर एक बार देखना चाहिए