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*किसानों की समृद्धि प्राथमिकता : कलेक्टर श्री मिश्रा ने कृषि अधिकारियों की समीक्षा की’*


*किसानों की समृद्धि प्राथमिकता : कलेक्टर श्री मिश्रा ने कृषि अधिकारियों की समीक्षा की’*
*मिलेट, औषधीय फसल और लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने दिए निर्देश*

*धान के साथ मिलेट, तिलहन, मखाना और औषधीय फसलें बनेंगी आय का नया आधार*

धमतरी, 31 जुलाई 2025/कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने आज यहां शासकीय श्रवण बाधितार्थ शासकीय बालिका विद्यालय में कृषि विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसानों को लाभान्वित करना, उनकी आय में वृद्धि करना और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।
         कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने निर्देशित किया कि धान के साथ-साथ दलहन, तिलहन, मिलेट एवं अन्य व्यावसायिक फसलों को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी फसलों को प्रोत्साहित किया जाए जिनकी बाज़ार में मांग है, जिससे किसानों को सीधा आर्थिक लाभ हो। उन्होंने यह भी बताया कि मिलेट फसल जहां एक ओर पौष्टिक आहार है वहीं दूसरी ओर यह पशुओं के चारे के रूप में भी उपयोगी है।
  बैठक में उप संचालक कृषि श्री मोनेश साहू सहित सभी कृषि ब्लॉक अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री मिश्रा ने विशेष रूप से सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की खेती, ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प, मिलेट मिशन, जैविक खेती, एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम तथा सामुदायिक बाड़ी को प्राथमिकता से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।
   उन्होंने कहा कि जिले की जलवायु औषधीय पौधों के लिए उपयुक्त है। हाल ही में कुरूद, कुहकुहा, कन्हारपुरी, गुदगुदा, मगरलोड जैसे क्षेत्रों में खस, बच, पचौली, सिंदूर, ब्राम्ही और लेमनग्रास जैसी औषधीय फसलों की खेती प्रारंभ की गई है। इसी तरह नगरी क्षेत्र में महानदी तटीय क्षेत्र में लगभग 4,000 नारियल के पौधे रोपे गए हैं, जो भविष्य में किसानों के लिए अच्छी आय का स्रोत बनेंगे। समीक्षा बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमति रोमा श्रीवास्तव उपस्थित थी । 
   कलेक्टर ने मखाना की खेती का रकबा बढ़ाने और स्थानीय कृषि उत्पादों के मूल्यवर्धन (वैल्यू एडिशन) के लिए लघु औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देना जरूरी है जिससे गांवों में ही रोजगार और स्वावलंबन को गति मिल सके।
   श्री मिश्रा ने बीज, उर्वरक, और खाद की उपलब्धता की समीक्षा की तथा कृषि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसानों को समय पर उन्नत बीज और आवश्यक उर्वरक उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने स्वायल हेल्थ टेस्टिंग और किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण देने पर जोर दिया। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि सभी विभागीय योजनाएं समय-सीमा में पूर्ण की जाएं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ई-केवाईसी, आधार सीडिंग, और केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) निर्माण के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग की जाए।
    कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
 ’कलेक्टर श्री मिश्रा के प्रमुख निर्देशों में शामिल :
. व्यावसायिक फसलों को प्राथमिकता
 . लघु औद्योगिक इकाइयों की स्थापना
. औषधीय पौधों की खेती को बढ़ा
. मिलेट और गेहूं फसलों को प्रोत्साहन
. जैविक और टिकाऊ खेती को समर्थन
. स्वायल हेल्थ और किसान प्रशिक्षण को बढ़ावा
. केसीसी, पीएम-किसान ई-केवाईसी की समय पर पूर्ति’

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