CM के स्वच्छ छवि को धूमिल करने में लगे हैं कुछ तथाकथित झुग्गी, रेत माफिया के चमचे, कभी CM के दामाद के करीबी,तो कभी खनिज शाखा के कर्मचारी बनकर अपना अड्डा और धंधा जमाये हुवे है-पार्ट 1
धमतरी -पार्ट 1 -छत्तीसगढ़ खनिज सम्पदा से परिपूर्ण है जिसे कुछ तथाकथित रेत माफिया सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में दिन और रात 24 घंटे लुट रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं धनहा धमतरी की। जहां से चित्रोपला महानदी का उद्गम हुआ है, जहां की रेत की क्वालिटी एक नंबर है जिसकी डिमांड छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि बाहर अन्य राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश,उड़िसा, और अन्य राज्यों में है।
और यही कारण है की धमतरी जिलें का एक तथाकथित झूग्गी,रेत माफिया के चमचे अपने आप को सीएम के दामाद के भाई का दोस्त बताके जिला खनिज विभाग में अधिकारियों के बीच धौंस जमायें बैठा है।
सूत्रों की मानें तो ये झुग्गी,रेत माफिया के चमचे धमतरी जिलें में रेत खदान संचालन करने वाले थे, माफियाओं और रेत ठेकेदार की फाइलों को खनिज विभाग में अपने आप को सीएम का करीबी बताके फ़ाइल को तत्काल आगे बढ़ाने का काम करतें हैं।
कुछ यैसे भी रेत ठेकेदार हैं जो खनिज विभाग में जाकर अपना फाइल आगे नहीं बढ़ा सकते है यैसे रेत माफियाओं का चमचा बनकर फाइल को स्वयं ले जाकर अधिकारियों से सांठगांठ कर तत्काल आगे बढ़ाने का काम करतें है। क्योंकि लींगल प्रोसेस से फाइल को आगे बढ़ाने में कई महिनें लग जाते हैं उस फ़ाइल को चंद दिनों में करवा कर देते हैं और सामने वाले रेत ठेकेदार या रेत माफियाओं से मोटी रकम लेते हैं।
ये झूग्गी,रेत माफिया का चमचा का यह खेल धमतरी जिलें में बहुत दिनों से कर रहे हैं, जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ तो ये झुग्गी, रेत माफिया का चमचा सत्ता में बैठे लोगों से करीबी बढ़ाने की प्लानिंग की, और सबसे पहले सीएम के दामाद के भाई का अपने आप को दोस्त बताकर पहले तो रेत खदान चलाने की पुरजोर कोशिश की ज़ब उनका शिकायत ऊपर हुवा तो कुछ दिन शांत रहे, जिसके बाद अब रेत माफिया के चमचे बनकर खनिज विभाग में धौंस जमा कर बैठा है।
सूत्रों की मानें तो ये झुग्गी रेत माफिया अपने आप को खनिज विभाग के अधिकारी से कम नहीं समझते है।
वही जब कोई भी जनप्रतिनिधि या पत्रकार खनिज विभाग से रेत भंडारण की नियम व शर्तें की जानकारी लेने पहुंचते है तो खनिज विभाग के अधिकारी के बताने से पहले ही बीच में टोक कर अपनी मर्जी से बताने लगते है जैसे वो अधिकारी से बड़े हो| क्या अधिकारी भी उनसे डरे हुवे है या हरे पत्ती के दबाव मे है ये तो जांच का विषय है,
ज़ब भी खनीज विभाग मे जनप्रतिनिधि या पत्रकार उक्त रेत माफिया के चमचे से पुछते की आप कौन हैं? तो झुग्गी,रेत माफिया के चमचे द्वारा अपने आप को खनिज विभाग का कर्मचारी बताने मे कोई कसर नहीं छोड़ता,
अब सवाल ये उठता है की ये तथाकथित झुग्गी, रेत माफिया के चमचे की खनिज विभाग में कबसे मनमानी चल रही है?
जो सीएम के दामाद के भाई का दोस्त बताके, स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व उनके दामांद की छवि को धूमिल करने में लगे हैं।
वही बात करें छत्तीसगढ़ की तो पहले से ही चित्रकूट में मुख्यमंत्री के दामाद के नाम से बहुत कुछ घटना घटित हो चुका है।
अब धमतरी जिला में भी ये तथाकथित झुग्गी,रेत माफिया के चमचे सीएम के दामाद के भाई का दोस्त बताके, स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की छवि को धूमिल करने में लगे हैं।
यैसे में ये सवाल उठना लाजिमी है की क्या धमतरी कलेक्टर यैसे तथाकथित झुग्गी, रेत माफिया के चमचे के ऊपर संज्ञान में लेकर तत्काल कड़ी कार्यवाही करें?
अन्यथा विपक्ष को मुद्दा उठाते देर नहीं लगेगी।
अब देखना है क्या खबर चलने के बाद जिला प्रशासन यैसे तथाकथित झुग्गी,रेत माफिया के चमचे के रूप मे खनिज विभाग मे दिनभर लगा रहता है,जो सीएम के छवि को धूमिल करने में लगे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे या यूही ये पुरा खेल खनिज विभाग धमतरी में यैसे ही चलता रहेगा। ये एक बड़ा सवाल है?